Category: Blog
Category: Blog
ऊस उत्पादन वाढीसाठी सुक्ष्म अन्नद्रव्यांचा वापर
ऊस पिकाच्या वाढीसाठी सतरा अन्नद्रव्यांची गरज असते . त्यांना आवश्यक अन्नद्रव्ये असे म्हणतात . या अन्नद्रव्यांचे तीन प्रकार पडतात. मुख्य अन्नद्रव्ये :कर्ब, हायड्रोजन , प्राणवायु – हवा व पाणी द्वारे पिकांना मिळतात तर नत्र , स्फुरद, पालाश या अन्नद्रयांची पिकांना मोठ्या प्रमाणावर गरज लागते. ही पिकांना रासायनिक खतांद्वारे मिळतात. दुय्यम अन्नद्रव्ये :कॅलशियम , म्याग्नेशिअम व
Details
गंधक वापरा व ऊसाची उत्पादकता हमखास वाढवा
महाराष्ट्रात गेल्या साठ वर्षात साखर कारखानदारी बरोबर ऊसाचे क्षेत्र , साखर उत्पादन यामध्ये भरीव वाढ झालेली दिसून येते . मात्र प्रति हेक्टरी ऊस उत्पादकतेमध्ये फारशी वाढ झाल्याचे दिसून येत नाही .आजही राज्याची सरासरी उत्पादकता एकरी ३५ टन एवढीच आहे. या परीस्थितीत ऊसाखालील क्षेत्र वाढविण्यापेक्षा ऊसाची प्रति हेक्टरी उत्पादकता व त्याचबरोबर साखरेचे उत्पादन वाढवणे हि आजची
Details
Productivity improvement in Sugarcane by using Sulphur
Importance of Sulphur “S” in Sugarcane Nutrition In Crop Nutrition Science, the first three important Major/Macro plant nutrients are; Nitrogen, Phosphorous, Potash Initially Sulphur was considered as the 6th important nutrient after Calcium(4th) and Magnesium(5th) in the Plant nutrient requirement index. With the increase in use of high yielding varieties of cash crops, rising intensive
Details
खोडवा उसाचे अन्नद्रव्य व्यवस्थापन
खोडवा उसाचे योग्य प्रकारे व्यवस्थापन केल्यास, कमी खर्चात लागवडीच्या उसाएवढेच उत्पादन मिळते व फायदेशीर ठरते. पश्चिम महाराष्ट्रात असे काही यशस्वी शेतकरी आहेत कि ज्यांनी १० खोडवे घेऊन चांगले उत्पादन घेतले आहे. पूर्वहंगामी खोडवा उसाचे उत्पादन हे सुरु आणि आडसाली खोडवा उसापेक्षा जास्त व चांगले मिळते. खोडवा ऊसाच्या अधिक उत्पादनासाठी टिप्स प्रभावी खोडवा उसाच्या व्यवस्थापनसाठी- सर्वसाधारणपणे
Details
गन्ने की खेती में बुवाई के समय पोषक तत्व प्रबंधन और सामान्य कृषि प्रथाएं
महाधन का महामंत्र में आप सभी किसान भाइयों का मैं संजय शर्मा हार्दिक स्वागत करता हूँ,आप सभी किसान भाइयों को मेरा नमस्कार ! किसान भाइयो,आज हम महाधन का महामंत्र में आज के फेसबुक लाइव सेशन में गन्ने की खेती में बुवाई के समय पोषक तत्व प्रबंधन और सामान्य कृषि प्रथाओं पर चर्चा करेंगे और साथ
Details
गन्ने में खूंटी (रेटून) का प्रबंधन
अगर उचित ढंग से प्रबंधन किया जाए तो गन्ने की खूंटी या ठूंठ (पके गन्ने के टुकड़े जिन्हें अगली फसल के लिए खेत में रोपा जाता है) से भी अच्छा मुनाफा कमाया जाता है, क्योंकि इनकी लागत कम और उत्पादन शक्ति गन्ने के मूल पौधे के सामान होती है। पश्चिमी महाराष्ट्र में कुछ किसानों ने
Details
पौधों की संख्या नियंत्रित करने के लिए केले में चूसक का प्रबंधन
केले की अगली फसल में फसल की उपज का वांछित स्तर बनाए रखने के लिए केले की खेती के पूरी अवधि में मूल पौधे के घनत्व और पौधा रोपण का पैटर्न बरकरार रखना चाहिए। इसके लिए जल्दी से जल्दी गैप को भरना और समय पर चूसक का चुनाव करना बेहद ज़रूरी होता है। चूसक (पौधे
Details
अनार के नए उगाए गए पेड़ों की देखभाल
अनार झाड़ियों पर उगता है और इसे प्राकृतिक रूप बढ़ने को छोड़ दिया जाए तो यह एक सामान्य पेड़ की शक्ल में विकसित नहीं नहीं होता। इसलिए अनार की अच्छी उपज प्राप्त करने और इसके कुशल प्रबंधन के लिए इसे उचित आकार और ढांचा मुहैया कराना बहुत जरूरी है। अनार का पौधा लगाने के बाद
Details
पौधे की वृद्धि और विकास में पोटेशियम (के) की भूमिका
पोटेशियम कई पादप प्रक्रियाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यह विकास में कई महत्वपूर्ण नियामक भूमिकाएं निभाता है। एंजाइम ऐक्टीवेशन: पोटेशियम पौधे की वृद्धि में शामिल कम से कम 60 विभिन्न एंजाइमों को “सक्रिय” करता है। पोटेशियम (के) एंजाइम अणु के भौतिक आकार को बदलता है, प्रतिक्रिया के लिए रासायनिक रूप से सक्रिय यथोचित
Details
प्रयोगशाला प्रमाणन
प्रयोगशाला प्रमाणन क्या है: प्रयोगशाला प्रमाणन (लैबोरेटरी अक्रेडिटेशन) मूलत: परीक्षण प्रयोगशालाओं की गुणवत्ता और तकनीकी सक्षमता के अन्य-पक्ष द्वारा मूल्यांकन की एक व्यवस्था है। जहां आईएसओ 9000 प्रमाणन केवल गुणवत्ता प्रणाली प्रबंधन से ही सरोकार रखता है, वहीं एनएबीएल प्रमाणन प्रयोगशाला की तकनीकी क्षमता को औपचारिक मान्यता प्रदान करता है और इसलिए यह प्रणाली प्रमाणन
Details