पौधे की वृद्धि और विकास में पोटेशियम (के) की भूमिका
पोटेशियम कई पादप प्रक्रियाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। यह विकास में कई महत्वपूर्ण नियामक भूमिकाएं निभाता है।
एंजाइम ऐक्टीवेशन: पोटेशियम पौधे की वृद्धि में शामिल कम से कम 60 विभिन्न एंजाइमों को “सक्रिय” करता है। पोटेशियम (के) एंजाइम अणु के भौतिक आकार को बदलता है, प्रतिक्रिया के लिए रासायनिक रूप से सक्रिय यथोचित जगहों को प्रकट करता है। पोटेशियम पौधों के भीतर विभिन्न जैविक ऋणायनों और अन्य यौगिकों को निष्क्रिय करते हुए पीएच मानक को 7 और 8 के बीच स्थिर रखने में मदद करता है, जो कि ज्यादातर एंजाइम प्रतिक्रियाओं के लिए इष्टतम स्तर है।
स्टोमेटल गतिविधि (जल उपयोग): स्टोमेट्स के आरंभ और समापन के नियंत्रण के लिए पौधे पोटेशियम (के) पर निर्भर करते हैं। स्टोमेट्स का सही ढंग से काम करना प्रकाश संश्लेषण, पानी और पोषक तत्वों के परिवहन, और पौधे के शीतलन के लिए बेहद जरूरी है।
प्रकाश संश्लेषण (फोटोसिंथेसिस) : पोटेशियम (के) द्वारा एंजाइमों का ऐक्टीवेशन और एडेनोसिनट्राईफॉस्फेट (एटीपी) के उत्पादन में इसकी भागीदारी स्टोमेटल गतिविधि में पोटेशियम की भूमिका के मुकाबले प्रकाश संश्लेषण की दर का नियमन करने में संभवतः अधिक महत्वपूर्ण है।
शर्कराओं का परिवहन: प्रकाश संश्लेषण में उत्पादित शर्कराओं के उपयोग और भंडारण के लिए फ्लोएम से पौधे के अन्य हिस्सों तक इनके परिवहन में पोटेशियम मदद करता है।
जल और पोषक तत्वों का परिवहन: पोटेशियम पूरे पौधे के भीतर जाइलम में पानी और पोषक तत्वों के परिवहन में भी एक प्रमुख भूमिका निभाता है। जब पोटेशियम (के) की आपूर्ति कम हो जाती है, तो नाइट्रेट्स, फॉस्फेट, कैल्शियम (सीए), मैग्नीशियम (एमजी), और अमीनो एसिड्स का स्थानांतरण घट जाता है। इसलिए इन प्रणालियों के कुशल परिचालन के लिए पोटेशियम की पर्याप्त आपूर्ति आवश्यक है।
प्रोटीन संश्लेषण: प्रोटीन संश्लेषण के प्रत्येक प्रमुख चरण के लिए पोटेशियम अत्यावश्यक है। जब पौधों में पोटेशियम (के) की कमी होती है, तो उपलब्ध नाइट्रोजन (एन) की प्रचुरता के बावजूद प्रोटीन संश्लेषित नहीं होते हैं।
स्टार्च संश्लेषण: स्टार्च संश्लेषण (स्टार्च सिंथेटेज) के लिए जिम्मेदार एंजाइम पोटेशियम (के) द्वारा सक्रिय होता है। अत:, अपर्याप्त पोटेशियम (के) के चलते स्टार्च का स्तर गिर जाता है।
फसल की गुणवत्ता: फसल की गुणवत्ता को बढ़ाने में पोटेशियम महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उपलब्ध पोटेशियम (के) का उच्च स्तर बाह्य गुणवत्ता, रोग प्रतिरोधकता और मानव उपभोग के काम आने वाले फलों और सब्जियों के उपयोग काल और दाने व चारा फसलों के आहार मूल्य को बेहतर बनाता है।
उपज की बढ़ोतरी में पोटेशियम कैसे योगदान देता है:
- जड़ की वृद्धि को बढ़ाता है और सूखे के प्रति प्रतिरोध को बेहतर बनाता है
- कई एंजाइम प्रणालियों को सक्रिय करता है
- टरगर को बनाए रखता है; जलहानि और शिथिलता घटाता है
- प्रकाश संश्लेषण और भोजन निर्माण में योगदान देता है
- श्वसन को कम करता है, ऊर्जा हानि रोकता है
- शर्करा और स्टार्च के स्थानांतरण में वृद्धि करता है
- स्टार्च से भरपूर दानों का उत्पादन करता है
- पौधों में प्रोटीन हिस्से को बढ़ाता है
- सेल्युलोज बनाता है और लॉजिंग घटाता है
- फसल की बीमारियों को रोकने में मदद करता है