Month: February 2018
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आवश्यक पोषक तत्व और उनके सकारात्मक एवं नकारात्मक प्रभाव
फसलों की पर्याप्त वृद्धि, पैदावार और गुणवत्ता के लिये पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। प्रकृति में स्वाभाविक रूप से 16 तत्व पाये जाते हैं, जो पौधों के मेटाबॉलिज्म की कार्यप्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन पोषक तत्वों के अभाव से पौधे अपना जीवनचक्र पूरा नहीं कर पाते है और इसलिये, उन्हें पौधों की
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अनार में ऑयली स्पॉट रोग की रोकथाम
अनार में ऑयली स्पॉट रोग को तेल्या/बैक्टीरियल ब्लाइट/नोडल ब्लाइट और लीफ स्पॉट्स के नाम से जाना जाता है। ये रोग बैक्टीरिया (झंथोमोनस ऑक्सीनोपोडीस पीवी पूनीके) के कारण होता हैं। वर्तमान में यह रोग बड़े पैमाने पर फैला हुआ है और सभी प्रमुख अनार उत्पादक राज्य जैसे महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश और गुजरात इसमें शामिल हैं। अनार
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गन्ना: प्रति एकड़ 100 मेट्रिक टन का लक्ष्य
सी-4 पौधा होने के कारण गन्ना सौर ऊर्जा को उपयोगी बायोमास में बदलने वाला एक सक्षम परिवर्तक है। सैद्धांतिक रूप से गन्ने की क्षमता करीब 525 किलोग्राम/दिन/एकड़ (188 मेट्रिक टन/एकड़/साल) होती है। आखिरकार गन्ने की पैदावार मिलेएबल गन्ने और प्रति एकड़ गन्ने के औसत वजन का परिणाम है। 100 मेट्रिक टन/एकड़ के लिये गन्ने 2
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