प्याज की बेहतर उपज के लिए अच्छी पोषण प्रबंधन प्रणालियों का उपयोग
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एक हेक्टेयर में करीब 30 मीट्रिक टन प्याज के उत्पादन के लिए प्याज की फसल मिट्टी से लगभग 80 किग्रा एन, 35 किग्रा पी205 और 100 किग्रा के2ओ खींचती है। सेकेंडरी और सूक्ष्म पोषक तत्व भी मिट्टी से खींचे जा सकते हैं।
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प्याज का मसालेदार रूचि और इसकी टिकाऊपन, टीएसएस और अलाइल डाईसल्फाइड की मात्रा पर निर्भर करती है। अलाइल डाईसल्फाइड में सल्फर होता है जिससे बेनसेल्फ एप्लिकेशन प्याज में मदद करती है।
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प्याज के बेहतर रफ्तार से बढ़ने और विकास के लिए उसकी जड़ें सक्रिय, स्वस्थ और जोरदार होना पहली शर्त है। प्याज की जड़ों में बढ़ोतरी के लिए नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, कैल्सियम और जिंक जैसे आवश्यक पोषक तत्व हैं।
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प्याज की जड़ों का विकास जितनी जल्दी होगा, पोषक तत्वों को ग्रहण करना भी उतना बेहतर रहेगा। इसलिए रोपाई के पहले बेसल डोज ऐप्लीकेशन का इस्तेमाल करना तत्काल प्याज की जड़ों को बढ़ाता है।
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प्रारंभिक 15 दिनों में प्याज की जड़ों में पोषक तत्वों को ग्रहण करने की रफ्तार धीमी होती है। प्याज की रोपाई के 15 दिन बाद प्याज की जड़ों के नाइट्रोजन और पोटाश ग्रहण की क्षमता रोपाई के 60 दिनों बाद तक बढ़ती रहती है।
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प्याज की रोपाई के 30 से 75 दिनों के भीतर पोटाश, सल्फर, मैग्नीशियम और सूक्ष्म पोषक तत्वों की आवश्यकता काफी अधिक होती है। सूक्ष्म पोषक तत्वों की आपूर्ति का सबसे अच्छा तरीका एक मौसम में दो बार या तीन बार प्याज की जड़ों में उनकी फोलियर फीडिंग करना है।
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पी, के और एस जैसे पोषक तत्व और सूक्ष्म पोषक तत्व को अच्छी तहर डि–कंस्पोज्ड की गई एफवाईएम या खाद में 4 से 5 मीटर प्रति एकड़ की दर से मिलाना चाहिए। अगर एफवाईएम का मिलना समस्या हो तो 500 किलो अच्छी तरह डिकंपोज्ड की गई एफवाईएम के साथ बेसल डोज का उपयोग करना चाहिए।
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प्याज की रोपाई के 60 दिन के भीतर एन के सक्षम इस्तेमाल के लिए उसे टुकड़ों में डालना चाहिए। के नामक तत्व एन को अच्छी तरह मिलाने में मदद करता है। एन को पोटाश के साथ 3:1 के अनुपात में प्रयोग करना चाहिए।
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प्याज की जड़ों में पौष्टिक पोषक तत्वों का पहुंचना उसके विकास, उपज और गुणवत्ता पर फायदेमंद प्रभाव डालता है। इसलिए 15 दिनों के अंतराल के साथ प्याज की जड़ों में पोषक तत्वों की फीडिंग कर पोषक प्रबंधन को बढ़ाया जा सकता है।
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प्रारंभिक कालावधि में 12:61:00+13:00:45 जैसे डब्लूएसएफ ग्रेड के कॉम्बिनेशन में 0.5 से 1 प्रतिशत पोषक तत्वों की मात्रा प्याज के बेहतर विकास में मदद करती है।
75 दिन के बाद प्याज के पत्तों में अंकुर तेजी से फूटने लगते हैं। इस चरण के दौरान फास्फोरस, पोटाश, मैग्नीशियम और बोरान मुख्य तत्व होते हैं। फोलियर फीडिंग के माध्यम से 00:52:34, एसओपी, डीओटी बोरान, मैग्नीशियम जैसे डब्ल्यूएसएफ ग्रेड्स का इस्तेमाल किया जा सकता है (कृपया फर्टिलाइजर शेड्यूल देखें)